बिजली की आँधी के मध्य आराधना
जॉन पाइपर द्वारा भक्तिमय अध्ययन

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संस्थापक और शिक्षक, desiringGod.org

क्योंकि जिस प्रकार बिजली चमक कर आकाश के एक छोर से दूसरे छोर तक कौंधती है, उसी प्रकार मनुष्य का पुत्र भी अपने दिन में आएगा। (लूका 17:24)

मैं शिकागो से मिनियापोलिस के लिए विमान से जा रहा था और विमान में यात्री बहुत कम थे। विमानचालक ने घोषणा की कि मिशिगन झील के ऊपर और विस्कॉनसिन में बिजली और आँधी है। और विक्षोभ (turbulence) से बचने के लिए वह विमान को पश्चिम की ओर से ले जाने वाला था।

जब मैं वहाँ बैठकर विमान के पूर्व में घोर कालेपन को ध्यान से देख रहा था तभी अचानक से सम्पूर्ण आकाश उजियाले से तेजोमय हो उठा और श्वेत बादलों का एक बहुत बड़ा झुण्ड विमान से चार मील नीचे गिरे और फिर लुप्त हो गए।

एक सेकण्ड के पश्चात्, प्रकाश का एक श्वेत सुरंग-रूपी विशाल विस्फोट  उत्तर से दक्षिण तक पूरे क्षितिज पर हुआ, और फिर से कालापन छा गया। उसके पश्चात् बिजली लगभग निरन्तर कड़कती रही, और बादलों के मध्य से और दूर के श्वेत पहाड़-रूपी बादलों से प्रकाश के ज्वालामुखी फूटते रहे।

मैं वहाँ लगभग अविश्वास की स्थिति में सिर हिलाते हुए बैठा था। हे प्रभु, यदि ये आपकी तलवार की धार को तेज करने की चिंगारियाँ मात्र ही हैं, तो आपके प्रकट होने का दिन कैसा होगा? “जिस प्रकार बिजली चमक कर आकाश के एक छोर से दूसरे छोर तक कौंधती है, उसी प्रकार मनुष्य का पुत्र भी अपने दिन में आएगा” (लूका 17:24)।
अभी भी जब मैं उस दृश्य को स्मरण करता हूँ तो महिमा  शब्द मेरे लिए अनुभूति से भरा हुआ होता है। मैं परमेश्वर को धन्यवाद देता हूँ कि उसने मेरे हृदय को उसको चाहने के लिए, उसको देखने के लिए, और ख्रीष्टीय सुखवाद (Christian Hedonism) के भोज पर बैठकर महिमा के राजा की आराधना करने के लिए बारम्बार जगाया है। और भोज का यह कक्ष विशाल है। आप भी इसमें आइए।

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