
परमेश्वर के वचन का अध्ययन करते हैं और मार्ग सत्य जीवन के साथ सेवा करते हैं।


“मैं प्यासा हूँ।” (यूहन्ना 19:28)

“हे मेरे परमेश्वर, हे मेरे परमेश्वर, तू ने मुझे क्यों छोड़ दिया?” (मत्ती 27:46)

“हे नारी! देख, तेरा पुत्र!” (यूहन्ना 19:26)

“मैं तुझसे सच कहता हूँ कि आज ही तू मेरे साथ स्वर्गलोक में होगा।” (लूका 23:43)

हे पिता, इन्हें क्षमा कर, क्योंकि ये नहीं जानते कि क्या कर रहे हैं। (लूका 23:34)
सामर्थी परमेश्वर हमारा शरणस्थान है, इसलिए संकट के समय परमेश्वर ही पर सम्पूर्ण भरोसा रखो।

परमेश्वर का वचन हमारा मार्गदर्शक है।
विश्वासयोग्य परमेश्वर हमारा सहायक है, इसलिए निराशा और संकट के समय उसके नाम पर भरोसा रखिए।

आत्मिक माता-पिता और आत्मिक शोषण

बच्चों से व्यवहार कैसे करें?
करूणामयी परमेश्वर पाप क्षमा करता है, इसलिए सच्चे पश्चात्ताप के साथ उसके पास आओ।

यीशु की उत्तम पुकार हमें अनन्त आश्वासन देती है
सातवीं वाणी- “हे पिता, मैं अपनी आत्मा तेरे हाथों में सौंपता हूं”

उपदेश हेतु खरी शिक्षा की आवश्यकता
